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Friday, June 18, 2010

श्रद्धांजलि/रामदास ‘अकेला’

प्रिय मित्रों, वाराणसी के काव्य-संसार के एक सशक्त हस्ताक्षर श्री रामदास ‘अकेला’ जी ( जिनकी गज़लें आप ‘‘बनारस के कवि और शायर/रामदास अकेला’’ में पढ़ चुके हैं ) ; इस नश्वर दुनिया को छोड़ गये। वाराणसी से बाहर होने के कारण मुझे इसका पता देर से चला....... दिवंगत काव्यात्मा को मेरी ओर से विनम्र श्रद्धांजलि...........

3 comments:

  1. humari or se bhi shardhaanjli...
    Meri Nayi Kavita par aapke Comments ka intzar rahega.....

    A Silent Silence : Naani ki sunaai wo kahani..

    Banned Area News : 'Peepli Live' will change nothing: Anusha Rizvi

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  2. ‘मुक्तक विशेषांक’ हेतु रचनाएँ आमंत्रित-

    देश की चर्चित साहित्यिक एवं सांस्कृतिक त्रैमासिक पत्रिका ‘सरस्वती सुमन’ का आगामी एक अंक ‘मुक्‍तक विशेषांक’ होगा जिसके अतिथि संपादक होंगे सुपरिचित कवि जितेन्द्र ‘जौहर’।

    उक्‍त विशेषांक हेतु आपके विविधवर्णी (सामाजिक, राजनीतिक, आध्यात्मिक, धार्मिक, शैक्षिक, देशभक्ति, पर्व-त्योहार, पर्यावरण, शृंगार, हास्य-व्यंग्य, आदि अन्यानेक विषयों/ भावों) पर केन्द्रित मुक्‍तक/रुबाई/कत्अ एवं तद्‌विषयक सारगर्भित एवं तथ्यपूर्ण आलेख सादर आमंत्रित हैं।

    इस संग्रह का हिस्सा बनने के लिए न्यूनतम 10-12 और अधिकतम 20-22 मुक्‍तक भेजे जा सकते हैं।

    लेखकों-कवियों के साथ ही, सुधी-शोधी पाठकगण भी ज्ञात / अज्ञात / सुज्ञात लेखकों के चर्चित अथवा भूले-बिसरे मुक्‍तक/रुबाइयात/कत्‌आत भेजकर ‘सरस्वती सुमन’ के इस दस्तावेजी ‘विशेषांक’ में सहभागी बन सकते हैं। प्रेषक का नाम ‘प्रस्तुतकर्ता’ के रूप में प्रकाशित किया जाएगा। प्रेषक अपना पूरा नाम व पता (फोन नं. सहित) अवश्य लिखें।

    इस विशेषांक में एक विशेष स्तम्भ ‘अनिवासी भारतीयों के मुक्तक’ (यदि उसके लिए स्तरीय सामग्री यथासमय मिल सकी) भी प्रकाशित करने की योजना है।

    मुक्तक-साहित्य उपेक्षित-प्राय-सा रहा है; इस पर अभी तक कोई ठोस शोध-कार्य नहीं हुआ है। इस दिशा में एक विनम्र पहल करते हुए भावी शोधार्थियों की सुविधा के लिए मुक्तक-संग्रहों की संक्षिप्त समीक्षा सहित संदर्भ-सूची तैयार करने का कार्य भी प्रगति पर है।इसमें शामिल होने के लिए कविगण अपने प्रकाशित मुक्तक/रुबाई/कत्‌आत के संग्रह की प्रति प्रेषित करें! प्रति के साथ समीक्षा भी भेजी जा सकती है।

    प्रेषित सामग्री के साथ फोटो एवं परिचय भी संलग्न करें। समस्त सामग्री केवल डाक या कुरियर द्वारा (ई-मेल से नहीं) निम्न पते पर अति शीघ्र भेजें-

    जितेन्द्र ‘जौहर’
    (अतिथि संपादक ‘सरस्वती सुमन’)
    IR-13/6, रेणुसागर,
    सोनभद्र (उ.प्र.) 231218.
    मोबा. # : +91 9450320472
    ईमेल का पता : jjauharpoet@gmail.com
    ब्लॉग : jitendrajauhar.blogspot.com

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